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23 Nov 2009

जो भी समस्या है तुरन्त नि‍पटायें



क्या आपने कभी गौर किया है, यदि आपको कभी कोई समस्या हो और आप दिन भर उसके बारे में सोचते रहे हों, जो रात भर भी जारी रहा हो, उसके बारे में चिंता करना और फिर आप दूसरे दिन भी सोचते सोचते से थके हुए उठें, फिर दिन भर उसके बारे में चिंता करें वैसे ही जैसे एक कुत्ता सारा दिन हड्डी को चबाता रहता है, और फिर तीसरे दिन भी आप जब रात को बिस्तर पर जायें तब भी वह समस्या लेकर जायें ...ये सब तब तक चले जब तक आपका दिमाग चुक नहीं जाता और तब शायद इस चुक जाने.... दिमाग का काम कर देना बंद कर देने पर आप कुछ नया और तरो ताजा पाते हैं। तो हम जो कह रहे हैं वह आत्यंतिक रूप से भिन्न है जो ये है कि- जैसे ही समस्या सिर उठाती दिखे उसे तुरन्त त्वरित रूप से खत्म कर दिया जाये, उसे सारा दिन घसीटा ना जाये, यहां तक उसे अगले मिनट पर भी न टाला जाये, और खत्म कर दिया जाये।
कोई आपका अपमान कर देता है, आपके दिल को चोट पहुंचाता है, उस बात को वहीं देख सुन कर खत्म कर दें ना। कोई आपको धोखा दे, आपके बारे में भला बुरा कहे, उसे देखें सुने, पर घटना को अपने पर लाद ही ना ले, उसे बोझ की तरह न झेलें, जो भी समस्या है तुरन्त नि‍पटा दें ना। उसे उसी वक्त खत्म कर दें जब वह कहा सुना जा रहा हो, घटित हो रहा हो, न कि उसके बाद कभी....।

29 Oct 2009

तनावमुक्त कैसे रहें ?

हम तनाव में क्यों आते हैं? क्या तनाव तभी नहीं होता, जब प्रतिरोध होता है? हमारे आसपास ही कई आवाजें शोर के रूप में रहती हैं - कुत्ते का भौंकना, बसों की आवाजाही, बच्चों का रोना, या मैकेनिकों की दुकानों की उठा पटक ठोकने पीटने की आवाजें। जब आप प्रतिरोध करते हैं, तनाव खड़ा हो जाता है। यथार्थतः यही होता है। यदि आप किसी तरह का प्रतिरोध ना बनायें शोर को वैसे ही होते रहने दें, शांतचित्त होकर सुनें, बिना किसी प्रतिरोध के.......ये ना कहें कि ये अच्छा है या बुरा है, या कि ऐसा होना चाहिए या नहीं होना चाहिए, बस केवल सुनें। जब तक कोई कोशिश या प्रतिरोध नहीं होगा, तनाव नहीं हो सकता। प्रतिरोधरहित संवदेनशक्ति सम्पन्न व्यक्ति कभी भी नर्वस टेन्शन और नर्वस बे्रकडाउन का शिकार नहीं हो सकता।